Kashi Ganga Mahotsav 2025 : काशी गंगा महोत्सव 2025 का भव्य आगाज : रविन्द्र जायसवाल बोले- “कण-कण में काशी, रस-रस में बनारस

Kashi Ganga Mahotsav 2025 : काशी गंगा महोत्सव 2025 का शुभारंभ राजघाट पर हुआ। स्टांप मंत्री रविन्द्र जायसवाल ने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम की शुरुआत की। ‘कण-कण में काशी, रस-रस में बनारस’ थीम पर आयोजित यह उत्सव स्थानीय कलाकारों को मंच देने और काशी की संस्कृति को विश्व पटल पर स्थापित करने का प्रयास है।

Kashi Ganga Mahotsav 2025 : उत्तरवाहिनी माँ गंगा के तट पर काशी की महिमा एक बार फिर गूंज उठी। “कण-कण में काशी, रस-रस में बनारस” की थीम पर आधारित चार दिवसीय ‘काशी गंगा महोत्सव 2025’ (Kashi Ganga Mahotsav 2025) का शुभारंभ शनिवार को राजघाट पर भव्य रूप से किया गया।

इस अवसर पर प्रदेश के स्टांप एवं न्यायालय पंजीयन शुल्क राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रविन्द्र जायसवाल ने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का विधिवत शुभारंभ किया। उनके साथ जिला पंचायत अध्यक्ष पूनम मौर्य, जिलाधिकारी सत्येंद्र कुमार, नगर आयुक्त हिमांशु नागपाल, तथा संयुक्त निदेशक पर्यटन दिनेश सिंह प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।

मंत्री रविन्द्र जायसवाल ने कहा:

“काशी की ऐसी महिमा है कि यहाँ साल के 365 दिन उत्सव मनाए जाते हैं। उत्तरवाहिनी जान्हवी के तट पर आयोजित काशी गंगा महोत्सव आज पूरी दुनिया में अपनी पहचान बना चुका है। देश-विदेश से श्रद्धालु और पर्यटक इस महोत्सव में शिरकत करने आते हैं। यह आयोजन काशी की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक ऊर्जा का जीवंत उदाहरण है।”

उन्होंने आगे कहा कि गंगा महोत्सव (Kashi Ganga Mahotsav 2025) के बाद मनाई जाने वाली देव दीपावली आज वैश्विक पहचान प्राप्त कर चुकी है। यह न केवल धार्मिक आयोजन है बल्कि कला, संस्कृति और अध्यात्म का संगम भी है।

कला-संस्कृति की झलक:

महोत्सव (Kashi Ganga Mahotsav 2025) की शुरुआत पं. माता प्रसाद मिश्र और पं. रविशंकर मिश्र के युगल कथक नृत्य से हुई, जिसने उपस्थित दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
इस चार दिवसीय महोत्सव में संगीत की सभी विधाओं — शास्त्रीय, लोक और आधुनिक — की प्रस्तुतियाँ होंगी। इसमें राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त कलाकारों के साथ-साथ स्थानीय कलाकारों को भी मंच दिया गया है, ताकि बनारस की कला-संस्कृति को नई ऊंचाई मिले।

काशी की संस्कृति का वैश्विक संदेश:

गंगा महोत्सव (Kashi Ganga Mahotsav 2025) अब वैश्विक सांस्कृतिक उत्सव बन चुका है। हर साल हजारों देशी-विदेशी पर्यटक यहां आते हैं और बनारस की परंपरा, अध्यात्म, संगीत और नृत्य से जुड़ते हैं।
महोत्सव के अंत में होने वाली देव दीपावली काशी की गलियों और घाटों को दीपों से जगमगा देती है, जिसे देखने के लिए दुनिया भर से श्रद्धालु आते हैं।

“काशी गंगा महोत्सव 2025” (Kashi Ganga Mahotsav 2025) न केवल एक धार्मिक आयोजन है, बल्कि यह बनारस की आत्मा, संस्कृति और कला का जीवंत उत्सव है। इस महोत्सव के माध्यम से स्थानीय कलाकारों को पहचान मिलती है और विश्व पटल पर काशी की संस्कृति की गूंज और गहरी होती है।

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