Bihar Election 2025 Manifesto : बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए सत्ता पक्ष एनडीए (NDA) और विपक्षी महागठबंधन (Mahagathbandhan) दोनों ने अपने-अपने घोषणापत्र (Manifesto) जारी कर दिए हैं। दोनों ही दलों ने रोजगार, महिला सशक्तिकरण, बिजली, शिक्षा और अति पिछड़ा वर्ग के कल्याण पर बड़े-बड़े वादे किए हैं। आइए जानते हैं किस पार्टी ने जनता को क्या वादे किए हैं और किसका मेनिफेस्टो ज्यादा लुभावना है।
रोजगार और नौकरी: NDA या महागठबंधन कौन आगे
NDA के वादे:
1 करोड़ से अधिक सरकारी नौकरियों और रोजगार के अवसर का वादा।
कौशल जनगणना (Skill Census) कराकर युवाओं को कौशल आधारित रोजगार उपलब्ध कराने की योजना।
हर जिले में मेगा स्किल सेंटर की स्थापना का वादा।
ऑटो-टैक्सी-ई-रिक्शा चालकों को ₹4 लाख का जीवन बीमा और सस्ती ब्याज दर पर कोलैटरल फ्री वाहन ऋण।
महागठबंधन के वादे:
हर घर से एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने का वादा।
सरकार बनने के 20 महीने के अंदर नौकरियों की बहाली का दावा।
मनरेगा मजदूरी ₹255 से बढ़ाकर ₹300 करने की घोषणा।
लेबर गणना (Labour Census) करवाने की बात कही गई।
तुलना: रोजगार के मामले में एनडीए ने ज्यादा संख्या में नौकरियां देने का दावा किया है, जबकि महागठबंधन ने हर परिवार को रोजगार की गारंटी का वादा किया है।
महिलाओं के लिए कौन सी सरकार ज्यादा फायदे की
NDA के वादे:
मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना’ के तहत महिलाओं को ₹2 लाख तक की सहायता राशि।
एक करोड़ महिलाओं को ‘लखपति दीदी’ बनाने का लक्ष्य।
महागठबंधन के वादे:
सभी जीविका दीदियों को सरकारी कर्मचारी का दर्जा, ₹30,000 मासिक वेतन के साथ।
‘माई-बहिन मान योजना’ के तहत महिलाओं को ₹2,500 प्रतिमाह आर्थिक सहायता।
तुलना: एनडीए ने उद्यमिता और रोजगार पर जोर दिया है, जबकि महागठबंधन ने सीधी आर्थिक सहायता और स्थायी नौकरी का वादा किया है।
अति पिछड़ा वर्ग के लिए वादे
NDA के वादे:
अति पिछड़ा वर्ग के व्यावसायिक समूहों को ₹10 लाख की सहायता।
सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में हाई लेवल कमेटी का गठन।
अनुसूचित जाति वर्ग के विद्यार्थियों को ₹2000 मासिक छात्रवृत्ति।
हर अनुमंडल में आवासीय विद्यालय और उद्यमियों के लिए वेंचर फंड।
महागठबंधन के वादे:
आरक्षण सीमा 50% से अधिक करने का वादा।
विधान मंडल से पारित कर कानून को संविधान की नौवीं अनुसूची में शामिल करवाने का प्रस्ताव।
तुलना: एनडीए ने आर्थिक सहायता और शिक्षा पर फोकस किया है, जबकि महागठबंधन ने सामाजिक न्याय और आरक्षण में वृद्धि पर जोर दिया है।
फ्री बिजली का वादा: कौन आगे
NDA:
हर परिवार को 125 यूनिट मुफ्त बिजली।
महागठबंधन:
हर परिवार को 200 यूनिट मुफ्त बिजली देने का वादा।
तुलना: फ्री बिजली के मामले में महागठबंधन आगे दिख रहा है।
शिक्षा पर फोकस:
NDA के वादे:
केजी से पीजी तक मुफ्त गुणवत्तापूर्ण शिक्षा।
‘वर्ल्ड क्लास एजुकेशन सिटी’ की स्थापना।
₹5000 करोड़ से प्रमुख जिला स्कूलों का कायाकल्प।
महागठबंधन के वादे:
प्रतियोगिता परीक्षाओं के लिए फॉर्म और परीक्षा शुल्क खत्म।
परीक्षा केंद्र तक मुफ्त यात्रा सुविधा।
हर अनुमंडल में महिला कॉलेज की स्थापना।
तुलना: एनडीए ने शिक्षा ढांचे के विकास पर ध्यान दिया है, जबकि महागठबंधन ने छात्रों के आर्थिक बोझ को घटाने पर।
निष्कर्ष: किसका घोषणापत्र ज्यादा दमदार
दोनों गठबंधनों ने बिहार की जनता को कई लोकलुभावन वादे किए हैं।
रोजगार और शिक्षा के मोर्चे पर एनडीए ने दीर्घकालिक योजनाओं की बात की है।
वहीं महागठबंधन ने तात्कालिक राहत देने वाले वादों — जैसे 200 यूनिट फ्री बिजली, हर परिवार को नौकरी और महिलाओं को मासिक सहायता — पर फोकस किया है।
अब देखना होगा कि बिहार की जनता विकास के वादों को तरजीह देती है या राहत योजनाओं को।