Book and Archive Preservation Workshop : INTACH Varanasi Chapter और Institute of Conservation Lucknow के संयुक्त तत्वावधान में वाराणसी के लिटिल फ्लावर हाउस नगवा में “पुस्तकालय एवं अभिलेखागार सामग्री का परिरक्षण” विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित हुई।
Book and Archive Preservation Workshop : इंटैक (INTACH) वाराणसी चैप्टर एवं इंस्टीट्यूट ऑफ कंजर्वेशन (आईसीआई), लखनऊ के संयुक्त तत्वावधान में मंगलवार को लिटिल फ्लावर हाउस, नगवा में “पुस्तकालय एवं अभिलेखागार सामग्री का परिरक्षण” विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का सफल आयोजन किया गया।
इस कार्यशाला का उद्देश्य पुस्तकालयों एवं अभिलेखागारों में संरक्षित ऐतिहासिक पांडुलिपियों, दस्तावेजों और रिकॉर्ड्स के संरक्षण की आधुनिक तकनीकों पर विशेषज्ञों से मार्गदर्शन प्राप्त करना था।
कार्यशाला के संयोजक एवं इंटैक (INTACH) वाराणसी चैप्टर के अध्यक्ष श्री अशोक कपूर ने उद्घाटन सत्र में उपस्थित विशेषज्ञों एवं अतिथियों का स्वागत किया और अपने संबोधन में दस्तावेजों के संरक्षण के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि इंटैक द्वारा वाराणसी विकास प्राधिकरण में पुराने मानचित्रों एवं दस्तावेजों के संरक्षण का कार्य पहले से ही चल रहा है, जो शहर की सांस्कृतिक धरोहर की सुरक्षा की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।
कार्यक्रम में लिटिल फ्लावर हाउस नगवा की उप निदेशिका एवं इंटैक (INTACH) एजुकेशन हेरिटेज सेल की सह संस्थापक सुश्री अदिति गुलाटी, तथा उप प्रधानाचार्य सुश्री अनिता अग्रवाल भी उपस्थित रहीं।
कार्यशाला का संचालन डॉ. प्रिया तिवारी, डॉ. ममता मौर्य, तथा डॉ. संध्या विश्वकर्मा द्वारा किया गया। कार्यशाला के प्रमुख विषय विशेषज्ञ आईसीआई लखनऊ के श्री धर्मेंद्र मिश्रा ने “पांडुलिपियों एवं अभिलेखागार सामग्री का परिरक्षण, उनके क्षरण के कारण और निवारणात्मक उपाय” विषय पर विस्तृत व्याख्यान दिया। उन्होंने संरक्षण की व्यवहारिक तकनीकों, जलवायु नियंत्रण, कीट प्रबंधन और दस्तावेज़ों की दीर्घायु सुनिश्चित करने के उपायों पर विस्तार से जानकारी दी।

इसके पश्चात सौरव करमाकर एवं सुरेश बहादुर सिंह द्वारा प्रायोगिक सत्र (Practical Session) का संचालन किया गया, जिसमें प्रतिभागियों को अभिलेखागार सामग्री की सफाई, संरक्षण सामग्री के उपयोग और फाइलिंग तकनीकों का प्रशिक्षण दिया गया।
कार्यशाला का मंच संचालन डॉ. प्रिया तिवारी द्वारा किया गया जबकि पंजीकरण प्रक्रिया एवं प्रायोगिक सत्र के समन्वय का कार्य डॉ. ममता मौर्य एवं डॉ. संध्या विश्वकर्मा ने सफलतापूर्वक संपन्न किया।
इस अवसर पर उपस्थित सभी शिक्षकों, शोधार्थियों और संरक्षण क्षेत्र से जुड़े विशेषज्ञों ने इस पहल की सराहना की और भविष्य में ऐसे कार्यक्रमों के आयोजन की अपेक्षा व्यक्त की।
इंटैक (INTACH) वाराणसी चैप्टर और इंस्टीट्यूट ऑफ कंजर्वेशन लखनऊ द्वारा आयोजित यह कार्यशाला न केवल संरक्षण तकनीकों की जानकारी प्रदान करने में उपयोगी रही, बल्कि वाराणसी की ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक धरोहर के प्रति जागरूकता बढ़ाने की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुई।