Will Stamp Paper Rules in India : वसीयत किस स्टाम्प पेपर पर लिखी जाए, जानिए कितने रुपये के स्टाम्प पर होती है वैध वसीयत और क्या हैं इसके कानूनी नियम

क्या होती है वसीयत

Will Stamp Paper Rules in India : वसीयत (Will) किसी व्यक्ति की अंतिम इच्छा का कानूनी दस्तावेज होती है, जिसके जरिए वह अपनी संपत्ति का बंटवारा अपनी मर्जी से तय करता है। वसीयत के माध्यम से व्यक्ति यह स्पष्ट करता है कि उसकी मृत्यु के बाद उसकी संपत्ति किसे और किस अनुपात में मिलेगी।

कितने रुपये के स्टाम्प पेपर पर लिखी जाती है वसीयत

भारत में वसीयत को वैध बनाने के लिए किसी खास मूल्य के स्टाम्प पेपर की आवश्यकता नहीं होती।
इसे आप साधारण सफेद कागज पर भी लिख सकते हैं, और यह पूरी तरह से कानूनी रूप से मान्य होती है — बशर्ते कि वसीयत सही प्रारूप में तैयार की गई हो और सभी आवश्यक औपचारिकताएं पूरी की गई हों।

हालांकि, कई लोग वसीयत को 10 रुपये या 50 रुपये के स्टाम्प पेपर पर लिखना पसंद करते हैं ताकि दस्तावेज और अधिक ऑथेंटिक दिखे।

वसीयत को वैध बनाने के जरूरी नियम

  1. गवाहों की उपस्थिति अनिवार्य:
    वसीयत पर कम से कम दो गवाहों के हस्ताक्षर होना जरूरी है। ये गवाह वसीयत लिखे जाने और हस्ताक्षर किए जाने के समय मौजूद होने चाहिए।
  2. मानसिक स्थिति स्पष्ट होनी चाहिए:
    वसीयत लिखते समय व्यक्ति पूरी तरह मानसिक रूप से स्वस्थ और होश में होना चाहिए।
  3. स्पष्ट विवरण:
    वसीयत में यह साफ-साफ लिखा होना चाहिए कि कौन-सी संपत्ति किस व्यक्ति को दी जा रही है और क्यों।
  4. परिवार के बाहर के गवाह बेहतर:
    गवाह यदि परिवार के सदस्य न हों तो दस्तावेज की विश्वसनीयता बढ़ जाती है।
  5. रजिस्ट्री वैकल्पिक लेकिन उपयोगी:
    वसीयत को रजिस्टर्ड करवाना अनिवार्य नहीं है, लेकिन यदि इसे स्थानीय उप-पंजीयक कार्यालय (Sub-Registrar Office) में रजिस्टर्ड करा लिया जाए, तो यह भविष्य में विवादों से बचाती है।

वसीयत में बदलाव या संशोधन

अगर व्यक्ति अपनी वसीयत में कोई परिवर्तन करना चाहता है, तो उसे लिखित रूप में “कोडिसिल” (Codicil नामक दस्तावेज जोड़ना चाहिए। इससे पुराने दस्तावेज की वैधता बनी रहती है और बदलाव भी दर्ज हो जाते हैं।

भारत में वसीयत के लिए स्टाम्प पेपर की कीमत का कोई नियम नहीं है। यह साधारण कागज पर भी पूरी तरह वैध होती है। मुख्य बात यह है कि वसीयत स्पष्ट, साक्ष्ययुक्त और सही गवाहों की मौजूदगी में तैयार की गई हो। रजिस्ट्री करवाना वैकल्पिक होते हुए भी भविष्य में कानूनी विवादों से बचने का सबसे सुरक्षित तरीका है।

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