Ramnagar Ramlila 2025 : काशी के उपनगर रामनगर में शनिवार को विश्व प्रसिद्ध रामलीला का शुभारंभ परंपरागत ढंग से हुआ। 323 दिन बाद नेमियों की मुलाकात ने ‘जय सियाराम’ के उद्घोष से पूरा वातावरण राममय कर दिया। कंधे पर झोला, एक हाथ में मानस पोथी और दूसरे हाथ में छड़ी लिए श्रद्धालु प्रभु की लीला का इंतजार करते दिखे।
लीला का आरंभ रावण जन्म प्रसंग से हुआ, जहां रावण ने भाइयों सहित तप कर भगवान ब्रह्मा से वरदान पाया। इस दौरान रामबाग पोखरा क्षीरसागर में तब्दील हो गया और शेष शैय्या पर विराजमान श्रीहरि की झांकी ने भक्तों को भावविभोर कर दिया।
पंच स्वरूप और परंपरा
दोपहर 2 बजे पंच स्वरूपों का शृंगार हुआ।
मुकुट पूजन के बाद उन्हें दुर्ग तक ले जाया गया।
बैलगाड़ी से लीला स्थल पहुंचाकर पारंपरिक रस्में निभाई गईं।
काशी राज परिवार की शाही सवारी
शाम 4:45 बजे काशी राज परिवार के अनंत नारायण सिंह की बग्घी पर शाही सवारी निकली। हर-हर महादेव के जयघोष के बीच हजारों भक्तों ने अगवानी की। लीला स्थल पर 36वीं वाहिनी पीएसी ने सलामी दी और लीला का मंचन शुरू हुआ।
बरेका में 70 फीट का रावण दहन
विजयादशमी पर बरेका मैदान में 70 फीट ऊंचे रावण का दहन होगा।
कुंभकर्ण का पुतला – 65 फीट
मेघनाद का पुतला – 60 फीट
पुतलों के निर्माण में 200 किलो मैदा, 150 बांस, 200 किलो कागज और 50 किलो पेंट का इस्तेमाल किया जा रहा है।
मेयर ने किया निरीक्षण
मेयर अशोक तिवारी ने पंचवटी व निषादराज मैदान का निरीक्षण कर सफाई और पानी निकासी के निर्देश दिए।
Ramnagar Ramlila 2025 सिर्फ रंगकर्म नहीं, बल्कि आस्था और परंपरा का ऐसा संगम है जो काशी की संस्कृति को वैश्विक पहचान देता है।