काशी में Amit Shah का भव्य स्वागत,हर-हर महादेव के जयघोष और पुष्पवर्षा से गूंज उठी सांस्कृतिक राजधानी

Varanasi : केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री Amit Shah के आगमन पर सोमवार को काशीवासियों ने ऐतिहासिक स्वागत कर यह सिद्ध कर दिया कि काशी केवल आध्यात्मिक नगरी नहीं, बल्कि राष्ट्रीय गौरव और सांस्कृतिक एकता की प्रतीक भूमि है। हर-हर महादेव के उद्घोष, शंखध्वनि और पुष्पवर्षा के बीच अमित शाह का बाबतपुर एयरपोर्ट से कालभैरव मंदिर और ताज होटल तक गरिमामय अभिनंदन किया गया।

संपूर्ण यात्रा मार्ग पर 11 स्वागत प्वाइंट बनाए गए थे, जहां पर भाजपा कार्यकर्ता, विभिन्न सामाजिक संगठनों, व्यापारिक वर्ग और आम नागरिकों ने परंपरागत ढंग से पुष्पवर्षा, शंखनाद और ढोल-नगाड़ों के साथ स्वागत किया। पूरे मार्ग को भगवा रंग में सजाया गया, और छतों से लेकर गलियों तक गुलाब की पंखुड़ियों की वर्षा ने स्वागत को अविस्मरणीय बना दिया।

कालभैरव मंदिर में विधिवत दर्शन-पूजन

कालभैरव मंदिर पहुंचने पर अमित शाह ने विधिपूर्वक दर्शन-पूजन किया। इस दौरान मंदिर के आसपास भारी संख्या में श्रद्धालु एवं कार्यकर्ता मौजूद रहे। मंदिर परिसर से लेकर गलियों तक पूरे क्षेत्र में उत्सव जैसा माहौल रहा।

एयरपोर्ट पर हुआ उच्चस्तरीय स्वागत

एयरपोर्ट पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी, महामंत्री धर्मपाल सिंह, पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. महेंद्रनाथ पांडेय, राज्यसभा सांसद अमरपाल मोर्या, कैबिनेट मंत्री स्वतंत्र देव सिंह, अनिल राजभर, जेपीएस राठौर, रविंद्र जायसवाल, डॉ. दयाशंकर मिश्र ‘दयालु’, सहित भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने शाह का स्वागत किया।

स्वागत प्वाइंटों पर सक्रिय रहे जनप्रतिनिधि

  • त्रिमुहानी पर पिंडरा विधायक डॉ. अवधेश सिंह,
  • अजगरा विधायक त्रिभुवन राम,
  • शिवपुर मोड़ पर राज्यमंत्री रविंद्र जायसवाल,
  • गोकुल धाम कॉलोनी के पास अनिल राजभर,
  • लहुराबीर में डॉ. नीलकंठ तिवारी व महिला मोर्चा,
  • मैदागिन पर मंडल अध्यक्ष तारकेश्वर नाथ गुप्ता,
  • ताज होटल पर आयुष राज्यमंत्री डॉ. दयाशंकर मिश्र ‘दयालु’ और धर्मेंद्र राय ने नेतृत्व करते हुए भव्य स्वागत किया।

काशीवासियों की उमंग और जनसैलाब

संध्या 4 बजे से ही यात्रा मार्ग पर सैकड़ों कार्यकर्ता पारंपरिक वेशभूषा में सज-धजकर खड़े रहे। काशी की गलियों में जैसे-जैसे अमित शाह का काफिला बढ़ता गया, हर चौराहे से जयघोष गूंजता गयाबाबतपुर से कालभैरव मंदिर तक भगवा रंग और भक्ति से ओत-प्रोत वातावरण ने काशी की सांस्कृतिक और राजनैतिक एकता को एक स्वर दिया।

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