वाराणसी। सम्पूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के विद्वान डॉ. लेखमणी त्रिपाठी को रूस सरकार ने एक बार फिर अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित किया है। उन्हें 11वें International Yoga Day (21 जून 2025) के उपलक्ष्य में रूसी संघ द्वारा आयोजित Buddhist philosophy पर आधारित अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी में मुख्य वक्ता के रूप में आमंत्रित किया गया है। यह दूसरा अवसर है जब उन्हें रूस के इस प्रतिष्ठित बौद्धिक मंच पर आमंत्रण प्राप्त हुआ है। इससे पूर्व वर्ष 2019 में भी वे मई-जून माह के दौरान इसी विषय पर आयोजित संगोष्ठी में शामिल हो चुके हैं।

इस बार डॉ. त्रिपाठी 21 जून से 25 जुलाई 2025 तक मॉस्को, सेंट पीटर्सबर्ग, स्मोलेंस्क और क्राइमिया गणराज्य में आयोजित शृंखलाबद्ध संगोष्ठियों में हिस्सा लेंगे, जहां वे पाँच देशों के विद्वानों के साथ मिलकर बौद्ध दर्शन के गूढ़ विषयों पर संवाद और व्याख्यान देंगे। इस प्रतिष्ठित आमंत्रण के माध्यम से वे न केवल वाराणसी बल्कि सम्पूर्ण भारत और विशेष रूप से सम्पूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय का प्रतिनिधित्व करेंगे।

डॉ. त्रिपाठी की इस उपलब्धि पर उन्हें विभिन्न शिक्षाविदों, धार्मिक और सामाजिक संगठनों तथा जनप्रतिनिधियों ने बधाई दी है। प्रमुख बधाई देने वालों में विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बिहारी लाल शर्मा, भारतधर्म महामण्डल के अध्यक्ष डॉ. दयानिधि मिश्र, आरएसएस के क्षेत्र कार्यवाह डॉ. वीरेंद्र जायसवाल, उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री रविंद्र जायसवाल, धर्म संस्कृति संगम के राष्ट्रीय महासचिव दिनदयाल पाण्डेय, चतुर्थपीठाधीश्वर त्रिदंडी स्वामी माधवाचार्य जी महाराज, संकायाध्यक्ष प्रो. रमेश प्रसाद समेत विश्वविद्यालय के अनेक प्रोफेसर, शिक्षाविद व सहयोगी शामिल हैं।

यह आमंत्रण न केवल बौद्ध दर्शन की अंतर्राष्ट्रीय मान्यता को दर्शाता है, बल्कि यह भी प्रमाणित करता है कि वाराणसी की वैदिक, दार्शनिक और बौद्धिक परंपरा आज भी विश्व पटल पर प्रभावी बनी हुई है।