मोदी कैबिनेट की बैठक में बड़ा फैसला
New Railway Projects India 2025 : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में मंगलवार को भारतीय रेलवे से जुड़ा एक बड़ा फैसला लिया गया। केंद्र सरकार ने चार नए रेलवे प्रोजेक्ट्स को मंजूरी दे दी है। इन परियोजनाओं की कुल लागत करीब ₹24,634 करोड़ बताई जा रही है।
इन योजनाओं के तहत महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, गुजरात और छत्तीसगढ़ के 18 जिलों को सीधा फायदा मिलेगा। नई परियोजनाएं भारतीय रेलवे के नेटवर्क को लगभग 894 किलोमीटर तक बढ़ाएंगी, जिससे माल ढुलाई की लागत कम होगी और लॉजिस्टिक्स सेक्टर को भी बढ़ावा मिलेगा।
कौन-कौन से रेलवे प्रोजेक्ट को मिली मंजूरी
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि कैबिनेट ने जिन चार मल्टी-ट्रैक रेलवे प्रोजेक्ट्स को मंजूरी दी है, उनमें शामिल हैं —
- वर्धा से भुसावल (महाराष्ट्र) – 314 किमी लंबी तीसरी और चौथी लाइन।
- गोंदिया से डोंगरगढ़ (महाराष्ट्र-छत्तीसगढ़ सीमा) – 84 किमी लंबी चौथी लाइन।
- वडोदरा से रतलाम (गुजरात-मध्य प्रदेश) – 259 किमी लंबी तीसरी और चौथी लाइन।
- इटारसी-भोपाल-बीना (मध्य प्रदेश) – 84 किमी लंबी चौथी लाइन।
इन प्रोजेक्ट्स के निर्माण से रेलवे कॉरिडोर की क्षमता बढ़ेगी और ट्रेनों के परिचालन में देरी की समस्या में भी सुधार आएगा।
रेल नेटवर्क होगा 894 किमी तक विस्तारित
इन चारों प्रोजेक्ट्स के जरिए भारतीय रेलवे के नेटवर्क में कुल 894 किमी की बढ़ोतरी होगी।
इसके तहत 18 जिलों में 3,633 गांवों को कनेक्टिविटी मिलेगी, जहां लगभग 85.84 लाख लोगों की आबादी रहती है।
केंद्र का मानना है कि इस फैसले से माल और यात्री ट्रेनों दोनों की रफ्तार बढ़ेगी।
अर्थव्यवस्था और पर्यावरण दोनों को लाभ
अश्विनी वैष्णव ने बताया कि भारत में रेलवे इंफ्रास्ट्रक्चर तेजी से विकसित हो रहा है।
उन्होंने कहा,
“लॉजिस्टिक्स कॉस्ट कम करने और पर्यावरण की दृष्टि से बेहतर परिवहन प्रणाली के लिए रेलवे सबसे अहम माध्यम है। हमने इंजन और कोच उत्पादन को नई ऊंचाई पर पहुंचा दिया है।”
वर्तमान में भारत में हर साल लगभग 1,600 इंजन और 7,000 रेल कोच तैयार किए जा रहे हैं, जो यूरोप, उत्तरी अमेरिका और जापान के संयुक्त उत्पादन से भी अधिक है।
कौन-कौन से जिले होंगे लाभान्वित
इन चार राज्यों के कुल 18 जिले इन नई रेल परियोजनाओं से सीधे तौर पर लाभान्वित होंगे।
इसमें विदिशा (MP) और राजनांदगांव (छत्तीसगढ़) जैसे जिले भी शामिल हैं, जिनकी रेल कनेक्टिविटी और बेहतर होगी।
मोदी सरकार का यह फैसला भारतीय रेलवे के आधुनिकीकरण की दिशा में बड़ा कदम है।
894 किमी के इस नए नेटवर्क से न सिर्फ यात्रा में समय की बचत होगी बल्कि व्यापार, उद्योग और पर्यावरण—तीनों क्षेत्रों में सकारात्मक प्रभाव देखने को मिलेगा।