वाराणसीः हिंदू पंचांग के अनुसार, सावन माह (श्रावण मास) इस वर्ष 22 जुलाई 2025 (मंगलवार) से शुरू होकर 19 अगस्त 2025 (मंगलवार) तक रहेगा। यह महीना भगवान शिव की आराधना का सबसे पवित्र समय माना जाता है। पूरे महीने शिवभक्त व्रत रखते हैं, जलाभिषेक करते हैं और हर सोमवार को विशेष पूजा अर्चना की जाती है।
क्या है सावन का धार्मिक महत्व:
भगवान शिव को समर्पित महीना:- श्रावण मास को शिवभक्त “भोलेनाथ” का महीना मानते हैं। कहा जाता है कि इसी महीने समुद्र मंथन हुआ था और भगवान शिव ने विष पान कर सृष्टि की रक्षा की थी।
खास है सोमवार का व्रत :- सावन के हर सोमवार को “श्रावण सोमवारी व्रत” रखा जाता है। यह व्रत कुंवारी कन्याएं अच्छे वर की प्राप्ति के लिए और विवाहित महिलाएं अपने परिवार की सुख-शांति के लिए करती हैं।
कांवड़ यात्रा:-इस महीने में शिवभक्त दूर-दूर से गंगाजल लाकर “कांवड़” में भरकर अपने नजदीकी शिव मंदिरों में जल चढ़ाते हैं। यह यात्रा आस्था और तप का प्रतीक होती है।
यह जरुर करें:
शिवलिंग पर गंगाजल, दूध, बेलपत्र, धतूरा और शहद चढ़ाएं
ॐ नमः शिवाय” मंत्र का जाप करें
व्रत, उपवास और रुद्राभिषेक करें
सावन का महीना श्रद्धा, संयम और शिवभक्ति का प्रतीक है। यह आत्मिक शुद्धि और ईश्वर से जुड़ने का एक विशेष अवसर देता है। ऐसे में हर व्यक्ति को इस पावन महीने में अच्छे कर्म करने, शिव पूजा में भाग लेने और सकारात्मक ऊर्जा ग्रहण करने का प्रयास करना चाहिए।